Saturday, March 30, 2019

अपनी सुरक्षा


"सुरक्षा", "सुरक्षा" नारा हैं,
उंचा सबका पारा हैं।
बोली भाषण सब देते पर,
काम करने वाला बेचारा हैं।

दुर्घटना आवारा हैं,
देता खतरे का इशारा हैं।
हुआ नहीं तो सब हैं शांत,
हो गया तो नज़ारा हैं।

इंसान हालात का मारा हैं,
किसी के आँखों का भी तारा हैं।
अपनी सुरक्षा स्वयं करे,
आखिर जान अपना दुलारा हैं।


- तमाल घोषाल 

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